Groww ने ब्रोकरेज फीस मे की बढ़ोतरी अब 150 फीसदी अधिक चुकानी होगी फीस
Groww ने अपनी ब्रोकरेज फीस में 150% की बढ़ोतरी कर दी है, जिससे छोटे निवेशकों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। जानें इस फैसले की वजह, असर और निवेशकों के लिए क्या है आगे की राह।
भारतीय शेयर बाजार में दिन प्रतिदिन नये निवेशकों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। पिछले कुछ सालों में यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ी हैं। इनमें अधिकतर छोटे निवेशक हैं, इनके लिए पहले काफी कम शुल्क पर ट्रेडिंग सेवाए उपलब्ध थी, लेकिन अब इसके लिए पहले से 150 फीसदी ज्यादा शुल्क देना होगा।
देश की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकिंग कंपनियों में से एक Groww ने छोटे निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। कंपनी अब 21 जून 2025 से अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम ब्रोकरेज फीस ₹2 से बढ़ाकर ₹5 प्रति ट्रेड करने जा रही है। यानी जो ट्रेड अब तक सिर्फ ₹2 के शुल्क में हो जाते थे, उसके लिए अब दोगुनी से भी ज्यादा फीस चुकानी होगी।
Groww और अन्य ब्रोकिंग कंपनियों पर हाल ही में SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा लागू किए गए ‘True-to-Label’ नियमों का बड़ा असर पड़ा है। इन नए नियमों ने ब्रोकर्स के लिए कई छूटें खत्म कर दी हैं और उन्हें अपनी वास्तविक लागतों को ग्राहक के सामने पारदर्शी तरीके से दिखाना अनिवार्य कर दिया है।
इससे ब्रोकर्स की आय में कमी आई है और वे अब कम लाभकारी छोटे ट्रेड्स से उबरने के लिए फीस बढ़ा रहे हैं।
पुराना शुल्क | नया शुल्क |
₹2 से ₹20 प्रति ऑर्डर | ₹5 से ₹20 प्रति ऑर्डर |
इसका सीधा असर छोटे निवेशकों और रिटेल ट्रेडर्स पर पड़ेगा, जो कम मात्रा में और कम दाम वाले शेयरों में निवेश करते हैं।
Groww अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने अपने शुल्क बढ़ाए हैं। इससे पहले Angel One ने भी अपनी ब्रोकरेज फीस को शून्य से ₹20 प्रति ट्रेड तक कर दिया था। इससे यह साफ होता है कि पूरा डिस्काउंट ब्रोकिंग सेक्टर अब कमाई बचाने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। इसमें अधिकतर छोटे निवेशकों को ही बोझ झेलना पड़ेगा
Groww ने अपने Margin Trading Facility (MTF) के ब्याज दरों में भी बदलाव किया है:
ऊधारी रकम | पुरानी दरें | नई दर |
₹25 लाख या इससे अधिक | 9.75% प्रति वर्ष | 14.95% प्रति वर्ष |
₹25 लाख से कम | 15.75% प्रति वर्ष | 14.95% प्रति वर्ष |
अब सभी निवेशकों के लिए एक समान ब्याज दर 14.95% प्रति वर्ष होगी, जिससे छोटे निवेशकों को थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन बड़ी उधारी लेने वालों को नुकसान।
Groww का यह कदम छोटे निवेशकों के लिए चिंता की बात है, लेकिन इन बदलावों के चलते अब छोटे निवेशकों को अधिक समझदारी से अपने ट्रेड प्लान करने होंगे।
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डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता हैं, इसलिए निवेश से पहले किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।