शेयर बाजार में भूचाल: 3 जून को सेंसेक्स 798 और निफ्टी 214 अंक टूटा – जानिए 7 बड़ी वजहें

Published by
Praveen Kumar

3 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स आज 798 अंक और निफ्टी 214 अंक टूटा। ग्लोबल संकेत, क्रूड ऑयल और FIIs की बिकवाली ने बाजार को हिलाया। जानिए शेयर बाजार गिरने की 7 प्रमुख वजहें इस रिपोर्ट में।

शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट: जाने क्या रही मुख्य वजह

3 जून को भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। आज के सत्र के दौरान सेंसेक्स 798 अंक टूटकर 80,575.09 पर और निफ्टी 214 अंक गिरकर 24,502 पर आ गया। हालांकि बाजार बंद होने तक हल्की बढत बनाई और सेंसेक्स 80,737 और निफ्टी 24,542 पर बंद हुए। इस गिरावट के पीछे की कई मुख्य घरेलू और वैश्विक कारक जिम्मेदार रहे। आज के सत्र में सबसे अधिक नुकसान पावर, कैपिटल गुड्स और यूटिलिटी शेयरों में देखा गया। आइये जानते हैं किन 7 कारणों से आज बाजार में देखने को मिली।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बढ़ाया दबाव

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने लगातार आज दूसरे दिन भी भारी बिकवाली की। सोमवार को FIIs ने ₹2,589.47 करोड़ के शेयर बेचे थे, जिससे बाजार पर भारी दबाव बना। उनका यह रुख घरेलू निवेशकों के मनोबल को भी कमजोर करने का कारण बना।

क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.57% उछलकर 85 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। भारत अपनी जरूरत का लगभग 85% क्रूड आयात करता है, ऐसे में कीमतों का बढ़ना सीधा महंगाई और व्यापार घाटे पर असर डालता है।

रुपये में कमजोरी से विदेशी निवेश प्रभावित

रुपया 10 पैसे टूटकर 85.49 पर पहुंच गया। डॉलर की मजबूती, कच्चे तेल की कीमतें और FIIs की बिकवाली ने मिलकर करेंसी पर दबाव डाला, जिससे निवेशकों की धारणा और बिगड़ी और बाजार में लगातार गिरावट देखी गई।

भू-राजनीतिक तनावों ने बढ़ाई अनिश्चितता

यूक्रेन-रूस युद्ध और ईरान-अमेरिका परमाणु डील पर असहमति ने वैश्विक निवेशकों को चिंतित कर दिया है। इन तनावों से ग्लोबल इक्विटी मार्केट्स में डर का माहौल बना, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।

ग्लोबल संकेत कमजोर रहे

वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का इंतजार बाजार को अस्थिर बना रहा था। इसके चलते भारतीय निवेशकों ने भी सतर्कता अपनाई और मुनाफा वसूली का रुख किया।

आरबीआई MPC बैठक से पहले निवेशकों की सतर्कता

4 जून से शुरू होने वाली RBI की मॉनिटरी पॉलिसी बैठक और 6 जून को आने वाले निर्णय ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। रेपो रेट में बदलाव की आशंका से पहले बाजार में अस्थिरता देखी गई।

OECD द्वारा भारत की GDP ग्रोथ रेट घटाना

OECD ने भारत की FY2025 GDP ग्रोथ रेट 6.4% से घटाकर 6.3% और FY2027 के लिए 6.6% से घटाकर 6.4% कर दी है। इस संशोधन ने निवेशकों की आर्थिक ग्रोथ को लेकर चिंताओं को और बढ़ा दिया।

3 जून 2025 की गिरावट सिर्फ तकनीकी करेक्शन नहीं थी, बल्कि इसके पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण थे। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करने के लिए RBI की पॉलिसी बैठक, वैश्विक आर्थिक आंकड़े और क्रूड ऑयल की चाल पर नजर रखना जरूरी होगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, कृपया निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।

Praveen Kumar

प्रवीन कुमार शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, लोन और सेविंग जैसे विषयों के जानकार लेखक हैं। वह Paisawale.in और Fincoloan.com पर नियमित रूप से लेख प्रकाशित करते हैं। उन्हें जटिल वित्तीय विषयों को सरल भाषा में समझाने में विशेष महारत हासिल है। प्रवीन का उद्देश्य आम पाठकों को निवेश और वित्तीय निर्णयों में सही दिशा देना है।

शेयर करे
Published by
Praveen Kumar