Angel One का बड़ा अपडेट: अब SIM बाइंडिंग से करें सेकेंड्स में सिक्योर लॉग इन
Angel One ने SEBI की गाइडलाइंस से पहले ही SIM बाइंडिंग तकनीक के जरिए OTP-लेस लॉगिन लॉन्च कर दिया है। जानिए कैसे यह नया फीचर आपकी ट्रेडिंग को बनाएगा पहले से ज्यादा आसान और सुरक्षित।
यदि आप भी Angel One प्लेटफार्म यूज करते हैं तो अब लॉगिन में ना कोई ओटीपी का झंझट, ना ही SMS डिले की टेंशन होगी क्योंकि Angel One ने सिक्योरिटी के लिहाज से एक बड़ा कदम उठाते हुए OTP-लेस लॉगिन फीचर लॉन्च कर दिया है। वो भी SEBI की सिफारिश से पहले। यह नया फीचर SIM बाइंडिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो अब तक सिर्फ UPI ऐप्स में इस्तेमाल होती थी। लेकिन अब एंजल वन यूजर्स भी पहले से भी ज्यादा सिक्योरिटी के साथ Angel One प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
SIM बाइंडिंग एक एडवांस सिक्योरिटी फीचर है, जो यूजर की पहचान मोबाइल सिम के जरिए वेरिफाई करता है। इसका मतलब अब लॉगिन तभी होगा जब वही मोबाइल नंबर और वही डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हो, जो रजिस्टर्ड है। इससे OTP हैकिंग, फिशिंग और SIM स्वैप जैसे साइबर फ्रॉड्स से बचाव होता है।
दरअसल, अब एंजल वन पर लाॅगिन करने का तरीका थोड़ा सहज और सरल हो गया हैं। पहले जब आप अपने Angle One अकाउंट पर लाॅगिन करते थे तो इससे पहले आपके रजिस्टर्ड नंबर पर आए ओटीपी को डालना पड़ता था। जिससे आपका डिवाइस वेरिफाई होता था। लेकिन अब आपको ओटीपी की जरूरत नहीं होगी क्योंकि अब लाॅगिन करते वक्त आपके रजिस्टर्ड नंबर से एक मैसेज जाएगा, जिससे आपका डिवाइस अपने आप वेरिफाई हो जाएगा। इसके लिए डिवाइस में एंजल वन अकाउंट में रजिस्टर्ड सिम का होना जरूरी होता है।
SEBI पहले ही SIM बाइंडिंग को प्रमोट कर रहा है, और अब Angel One के इस कदम के बाद जल्द ही Zerodha, Groww और HDFC Securities जैसे बड़े नाम भी इस तकनीक को अपनाने की राह पर हैं। आने वाले समय में सभी प्लेटफार्म इसी तरह की सिक्योरिटी को अपनाएंगे।
Angel One ने न सिर्फ सुरक्षा को नया स्तर दिया है, बल्कि यूजर एक्सपीरियंस को भी हाईटेक बना दिया है। अगर आप चाहते हैं तेज़, आसान और सिक्योर ट्रेडिंग लॉगिन – तो अब समय है OTP को अलविदा कहने का
हां, अब आपको लाॅगिन करते समय ओटीपी की आवश्यकता नहीं होगी
हां, अब आपका एंजल वन अकाउंट पहले से ज्यादा सिक्योर होगा, क्योंकि अब आपका अकाउंट बिना SIM बाइंडिग के लाॅगिन नहीं होगा।
हां, इस बात का पूरा ख्याल रखा गया हैं कि यदि किसी कारण लाॅगिन करने में दिक्कतें आ रही हैं तो OTP के जरिए भी लाॅगिन किया जा सकता हैं।
हां, ये बदलाव सेबी के दिशा-निर्देश के कारण हुएं हैं जो सभी ब्रोकर के लिए जरूरी होंगे, इसलिए आने वाले समय में सभी ब्रोकर ये बदलाव कर सकते हैं।
नहीं, डेस्कटॉप और लैपटॉप जैसे अन्य उपकरणों पर लाॅग इन करने के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली का उपयोग होगा, इस तकनीक का इस्तेमाल कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी करते हैं।
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