डिमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान: निवेश के जरिए वित्तीय लक्ष्यों को पाना काफी आसान हो सकता हैं। निवेश के अनेकों तरीके हो सकते हैं मगर आजकल शेयर बाजार, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड, ईटीएफ आदि में निवेश को काफी अच्छा माना जाता हैं। हालांकि इसमें निवेश के लिए डिमैट अकाउंट (Demat Account) का होना काफी सुविधाजनक होता हैं। फिर भी डिमैट अकाउंट खोलने से पहले आपको डिमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी होना जरूरी हैं।
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और दूसरी सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इससे शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। डीमेट खाते के लाभ भी है और नुकसान भी। आइए आपको विस्तार से डीमेट खाते के लाभों के बारे में बताते हैं।
जब हम डीमैट खाता खोलते हैं तथा डीमैट खाता खोलने के बाद जब हम उस डीमैट खाते से कोई Shares खरीदते या फिर बेचते हैं, तो हमें उसके फिजिकल शेयर्स के सर्टिफिकेट संभालकर रखने की जरूरत नहीं होती। इससे हमें सबसे बड़ा फायदा ये होता हैं, की सभी शेयर्स की जानकारी डिजिटल रूप में होती हैं, इसके अलावा सभी शेयर्स NSDL And CDSL ( नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) ) की निगरानी में होते हैं।
जब आप अपने डिमैट अकाउंट से कोई भी शेयर्स खरीदना और बेचना चाहते हैं तो आपको किसी ब्रोकर के पास नहीं जाना पड़ता हैं, बस आप ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप से सेल वाले टैब में जाकर तुरंत शेयर बेच सकते हैं। बिक्री से प्राप्त आय बिक्री की तारीख से दो दिनों के अन्दर ही आपके खाते में ट्रांसफर हो जाती हैं।
डीमैट अकाउंट से आप बिना किसी बाधा या फिर बिना किसी परेशानी के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। आप उस शेयर की कीमत भी जांच कर सकते है जो आपने ख़रीदा था। शेयर खरीदने पर आपका ऑर्डर बिना देरी किये तुरंत पूरा हो जायेगा।
आज के टाइम में हम जब डीमैट खाते को खोलते हैं, तो उसमे उत्तराधिकारी (Nominee) के नाम का विकल्प होता हैं। जिसमे उत्तराधिकारी का मतलब होता हैं कि जिसका भी Demat खाता हैं। यदि उसको कुछ हो जाये या उसकी मृत्यु हो जाये तो उस डीमैट अकाउंट वाले व्यक्ति ने उत्तराधिकारी में जिसका भी नाम लिखा हैं, उसे डिमैट अकाउंट में इन्वेस्टमेंट की सारी रकम मिल जाये।
Demat Account शेयर्स, बॉन्ड्स, डिवेंचर , Unit-Linked Insurance Plans (ULIPs) और यहाँ तक की Sovereign Gold Bond Units निवेश साधनों में निवेश करना आसान बना देता हैं, इसलिए आप आसानी से अपने निवेश के स्टेटस को कभी भी चेक कर सकते हैं।
अब तक आप Demat Account के फायदे जान गए होंगे, आइए अब Demat Account के नुकसान भी जान लेते हैं।
जब हम डीमैट अकाउंट खोलते हैं, तो हमें ब्रोकर को कुछ शुल्क देना पड़ता हैं। क्योकि ब्रोकर को डिपॉजिटरी संस्थान को कुछ शुल्क प्रतिशत देना पड़ता हैं। और ये शुल्क उन्हें इन डीमैट अकाउंट को बनाये रखने में हेल्प करते हैं। तो जब भी आप आपने डिमैट अकाउंट से कोई भी शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं, तो आपको सालाना निगरानी शुल्क, अभीरक्षक शुल्क, और लेनदेन शुल्क चुकाने होते हैं।
कभी कभी डिमैट अकाउंट में ट्रेड करना लोभनीय हो जाता हैं। क्योकि काफी सारे लोग आज भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की सलाह पर ट्रेड करते हैं, काफी सारे लोग इस बात से प्रभावित होकर निवेश करते हैं। क्योकि वो शेयर बाजार के बारे में जानकारी से ज्यादा अपने दोस्तों और रिश्तेदारों पर विश्वास करते हैं, लेकिन जहा वो निवेश कर रहे हैं, उसके बारे में अच्छी तरह से जान लेना जरूरी हैं कि वो कैसे काम करता है। अन्यथा ये आदत आपके नुकसान की संभावना को बढाती हैं।
आपको ये बात भी समझ लेनी चाहिए कि टेक्नोलॉजी आपके लिए बाधा भी बन सकती हैं। क्योकि अब ट्रेडिंग और निवेश करना पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गया हैं, और कुछ लोगो को ये बहुत ज्यादा मुश्किल भी लगता हैं। तो इन हालातों में कॉल-एंड-ट्रेड की सुविधा मिलती हैं। जहाँ पर निवेशक मात्र एक कॉल के जरिये अपने असेट्स को खरीद और बेच सकता हैं। इससे काफी ज्यादा धोखाधड़ी की संभावना बन जाती हैं।
काफी सारे निवेशक को ये मुश्किल आती हैं। कि उन्हें तंग करने और परेशान करने वाले एजेंट्स के फ़ोन काल आते हैं। जो उन्हें ज्यादा रिटर्ंस दिलाने का लालच देते हैं। तथा अपने आपको शेयर बाजार का एक्सपर्ट होने का दावा करते हैं। और आपको बेवकूफ बनाते है। इन सबसे आपको सचेत रहना चाहिए।
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