म्युचुअल फंड्स ने स्माॅलकैप और मिडकैप कंपनियों के स्टाॅक में ज्यादा भरोसा जता रहे हैं

म्युचुअल फंड्स होल्डिंग पैटर्न: कम रिस्क के साथ इन्वेस्ट करने के लिए म्युचुअल फंड्स एक अच्छा विकल्प होता हैं। आपकों बाजार के बारे में ज्यादा एनालिसिस करने की आवश्यकता नहीं होती हैं। मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आप ऑंखे बंद करके किसी भी म्युचुअल फंड में अपना पैसा लगा दें। म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए भी आपको म्युचुअल फंड के बारे में जानने की आवश्यकता होती हैं। जैसे म्युचुअल फंड्स ने किस सेक्टर और कितनी कंपनियों में आपका पैसा लगाया हैं। इसके बाद म्युचुअल फंड के पास कितनी कैश होल्डिंग हैं इसका पता लगाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता हैं।

Mutual Funds के पास कितना हैं कैश होल्डिंग

मार्च 2025 में देश के टाॅप म्युचुअल फंड्स के कैश होल्डिंग्स और इन्वेस्टमेंट पैटर्न में काफी बडा अंतर देखने को मिला हैं। PPFAS (Parag Parikh Financial Advisory Services) के पास सबसे ज्यादा 21.9% कैश होल्ड किया हुआ हैं इसके बाद मोतीलाल ओसवाल 17.80%, क्वांट म्युचुअल फंड के पास 10.3% कैश हैं। इसके उल्ट देखा जाए तो सबसे कम मीराए एसेट 1.3% कोटक महिंद्रा म्युचुअल फंड के पास 2.5% ही कैश होल्ड किया हैं।

मोतीलाल ओसवाल की तरफ से एक जारी की गई रिपोर्ट जिसके अनुसार मार्च 2025 में टाॅप 20 एसेट मैनेजमेंट कंपनीयों (AMCs) की कुल इक्विटी वैल्यू में 7.5 फीसदी मासिक (MoM) और 23.5 फीसदी वार्षिक (YoY) दर से बढ़ोतरी हुई हैं।

किस स्टाॅक में लगाया सबसे ज्यादा पैसा

मार्च 2025 में म्युचुअल फंड्स ने NIFTY 50 के लगभग 52% शेयरों में खरीदारी की। खरीदारी का पैटर्न ये हैं –

जियो फाइनेंशियल 18%

टाटा कंज्यूमर 12.8%

जोमैटो 10.2%

बजाज फिनसर्व 7.5%

वही निफ्टी मिडकैप 100 में 53% शेयरों और NIFTY SMALLCAP 100 के लगभग 73 फीसदी शेयरों में पैसा लगाया हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि म्युचुअल फंड्स ने स्माॅलकैप और मिडकैप कंपनियों के स्टाॅक में ज्यादा भरोसा जता रहे हैं।

कैसा रहा प्रदर्शन

फाइनेंशियल ईयर 2025 में इंडियन म्युचुअल फंड्स इंडस्ट्री ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया हैं। कुल AUM ₹12.3 लाख करोड से बढ़कर ₹65.7 लाख करोड गया या कहें कि 23 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई हैं। SIP के जरिए निवेश में भी काफी तेजी आई हैं। मार्च 2025 में कुल मिलाकर ₹25.930 करोड का इन्फलो हुआ, इसका मतलब 34.5 फीसदी की सालाना बढ़त हुई। हालांकि मार्च 2025 में SIP में मामूली 0.3 फीसदी की गिरावट आई।

सेक्टर पैटर्न में किया बदलाव

वित्त वर्ष 2025 में म्युचुअल फंड्स ने अपने सेक्टर आधारित इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में काफी बदलाव किया।

FY25 में हैल्थ केयर सेक्टर में निवेश 20 Bps (बेसिस प्वाइंट्स) बढ़कर 7.6 फीसदी पर पहुंचा। FY24 में यह सेक्टर निवेश के लिए पांचवें स्थान पर था जबकि FY25 में चोथै पायदान पर आ गया।

टेक्नोलॉजी सेक्टर में 20bps घटकर 8.5 फीसदी रहा

प्राईवेट बैंकों में निवेश 150bps बढ़कर 18.4 फीसदी हिस्सेदारी पर पहुंचा।

पब्लिक सेक्टर (PSU) के बैंको में 60bps घटकर हिस्सेदारी 2.8 फीसदी रह गई।

रियल एस्टेट, इंश्योरेंस, रिटेल, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट सेक्टर में 30bps की बढत के साथ निवेश प्रतिशत 61.5 रहा।

डिफेंसिव सेक्टर्स जैसे टेलीकॉम, हैल्थ केयर का वेटेज 30bps बढ़कर 29.7 फीसदी रहा।

वही ग्लोबल साइक्लिकल्स को ध्यान में रखते हुए देखा जाए तो ऑयल और गैस में खासतौर पर 70bps आई और निवेश प्रतिशत घटकर 8.7 रह गया। इसकी मुख्य वजह ग्लोबल एनर्जी मार्केट में अनिश्चितता और क्लीन एनर्जी की और बढ़ता रूझान।