शेयर बाजार में आए दिन डिमेट अकाउंट की संख्या बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि अब लोग शेयर बाजार में निवेश करने के लिए ज्यादा उत्सुक हैं। हालांकि जैसे जैसे इन्वेस्टर्स की संख्या बढ़ी हैं वैसे ही शेयर बाजार में नुकसान का अनुपात भी बढ़ा हैं। खास कर नए निवेशक को नुक़सान होना कोई बड़ी बात नहीं हैं। नए निवेशक शेयर बाजार में बहुत सी गलतियां करते हैं जिसकी वजह से उन्हें नुकसान झेलना पड़ता हैं। या कहें की कुछ एैसे प्वाइंट हैं जिसके इर्द-गिर्द ही निवेशक नुकसान करा बैठते हैं।

शेयर बाजार में जब मुनाफा होता हैं तब निवेशक की मन में उथल पुथल होना कोई जरूरी नहीं मगर जब नुकसान की शुरुआत होती हैं निवेशकों के मन में बहुत ज्यादा उथल पुथल का माहौल बन जाता हैं। इसी समय पर निवेशक गलत फैसला लेते हैं और नुकसान करा बैठते हैं। शेयर बाजार में एक समझदार निवेशक होने के लिए क्या जरूरी हैं इसे समझने के लिए आईए जानते हैं इन पांच मुख्य कारणों को जो शेयर मार्केट में अक्सर नुकसान कराते हैं।
किसी एक ही जानकारी को ही सच मान लेना
जब आप किसी एक ही जानकारी को सच मान लेते हैं और उसी के अनुसार शेयर खरीदते हैं तो आपको नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती हैं। 2018 में एक मशहूर फाइनेंस कंपनी का शेयर एक ही दिन में 40 फीसदी तक गिर गया और निवेशक उस स्टाॅक में फिर भी टिकें रहे क्योंकि उसमें एक बड़े इन्वेस्टर ने निवेश किया था। और कंपनी 2021 में शेयर बाजार से डिलिस्ट हो गई।
निवेशको को सिर्फ़ एक ही जानकारी को सही मानकर निवेश करने से बचना चाहिए। क्योंकि शेयर बाजार में हमेशा सजग रहने कि आवश्यकता होती हैं और किसी एक नामी इन्वेस्टर्स को सही मानकर निवेश से बचना चाहिए।
भेड चाल का हिस्सा बनना
कभी कभी हम सिर्फ इसलिए शेयर खरीदे या बेचते हैं कि उसे बहुत सारे लोग जोर-शोर से खरीद या बेच रहे होते हैं। हमें भी ऐसा लगता हैं कि जरूर कोई बात होगी जो लोग इस स्टाॅक के पीछे भाग रहे हैं। और सभी भेड चाल का हिस्सा बन जाते हैं। इसे ‘हर्ड मेंटालिटी’ कहते हैं। अभी कुछ महीने पहले लोगों ने मिड कैप और स्माॅल कैप कंपनियों में अपने पैसे झोंक दिये और सितंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच ये स्टाॅक लगभग 40 फीसदी तक नीचे आ गये।
इसलिए जब किसी स्टाॅक के पीछे लोग पीछे भाग रहे हो तो आपको समझना चाहिए कि क्या यह स्टाॅक आपके पोर्टफोलियो के लिए बहतर विकल्प हैं या नहीं। इसके बाद ही अपना फैसला लें।
अपने ज्ञान पर अत्यधिक भरोसा करना
अनुज केसरवानी जो Zenith Finserv के फाउंडर हैं उनका कहना हैं जब आपको लगता हैं कि आप शेयर बाजार को समझ चुके हैं और आप हमेशा सही स्टाॅक चुन सकते हैं तो ये ओवरकाॅन्फिडेंस होता हैं। 2020 में जब मार्केट में जबरदस्त तेजी थी तो लोगों ने नयी कंपनियों और IPOs में पैसे लगाए। और 2021 में जब मार्केट गिरते ही ये 50 फीसदी से ज्यादा टूट गये।
बाजार को पूरी तरह कोई भी नहीं समझ सकता है। आप बेशक कितनी भी रिसर्च करें मगर उस पर हद से ज्यादा भरोसा ना करें किसी फाइनेंशियल विशेषज्ञ की सलाह लेते रहे।
नुकसान उठाने से डरना
शेयर बाजार में जरूरी नहीं की हमेशा मुनाफा ही हो। कभी कभी नुकसान भी उठाना पड़ता हैं। मगर जब नुकसान छोटा होता है तो लोग उसकी भरपाई करने के उस स्टाॅक में बने रहते हैं जिसके चलते और अधिक नुकसान भी हो जाता है। 2018 से 2020 के बीच एक बैंक का शेयर 90 फीसदी तक टूट गया मगर हजारों निवेशक उस बैंक के स्टाॅक में बने रहें इस उम्मीद में कि यह फिर से ऊपर जाएगा।
अगर कोई स्टाॅक लगातार नीचे जा रहा है तो उसे छोड़ना ही बहतर होता है। अक्सर छोटे नुकसान से ज्यादा डरना बड़े नुकसान की वजह बन जाता हैं।
अपने स्टाॅक को ही सही समझना
शेयर बाजार में निवेशक कई बार ये गलती करते हैं कि वह किसी स्टाॅक को सिर्फ़ इसलिए अच्छा मानते हैं कि वह स्टाॅक उनके पोर्टफोलियो का हिस्सा हैं। उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं होता कि उस स्टाॅक की वैल्यू कितनी गिर गई हैं। कई बार किसी फंड मैनेजर के कहने पर किसी स्टाॅक मे लोग बढ़-चढ़कर खरीददारी करते हैं और स्टाॅक अच्छा परफोर्मेंस नहीं कर पाता फिर भी लोग उसे बेचने की हिम्मत नहीं जुटा पाते, क्योंकि वे उसे अच्छा स्टाॅक समझते हैं।
एक अच्छा निवेशक होने के नाते आपको समय समय पर कंपनी के कारोबार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठी करना चाहिए जिससे आपको कुछ अंदाजा हो सकें कि स्टाॅक आने वाले समय में अच्छा पर्फोर्मेंस कर सकता हैं या नहीं।