जीवन के हर पड़ाव पर पैसे की जरूरत होती हैं। इसलिए पैसे को बहुत सोच-समझकर उपयोग करना चाहिए। कई बार अच्छी इनकम होने पर भी पैसों की तंगी बनी रहती हैं। क्योंकि ऐसे लोग पैसे का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं करते हैं। जहां तक अपने रोजमर्रा के खर्जो की बात की जाए तो ज़रूरी खर्चों को रोक पाना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि इसके बाद भी अपने लिए थोड़ी सेविंग्स करना बेहद जरूरी हैं। जो लोग अपने लिए पैसे की बचत नहीं करते हैं उन्हें भविष्य में बहुत मुश्किलें आ सकती हैं। खासकर वृद्धावस्था में पैसे की आवश्यकता होती हैं और इस अवस्था में आप कोई काम भी नहीं कर पाते हैं इसलिए जरूरी हैं कि अपने लिए समय रहते ऐसे साधन का निर्माण किया जाए जो भविष्य में पैसें की जरूरत को पूरा कर सकें।
सीधे तौर पर देखा जाए तो अपने भविष्य को फाइनेंशियली मजबूत करने के लिए वर्तमान में अच्छी जगह निवेश करना जरूरी है। खासकर सिनियर सिटिजन को अपनी जमा पूंजी को निवेश पर ध्यान देना बेहद जरूरी हैं। क्योंकि इस उम्र में अपने लिए इनकम के नये सोर्स बनाना थोड़ा मुश्किल हैं। इसलिए वे अपनी जमा पूंजी को एसी जगह निवेश कर सकते हैं जहां जोखिम के बिना हर माह कुछ इनकम होती रहें।
सिनियर सिटिजन यानी वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारतीय स्टेट बैंक मासिक आय योजना, निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं। क्योंकि इस स्कीम में वरिष्ठ नागरिकों को बिना जोखिम व टैक्स रहित रिटर्न मिलता हैं। इस योजना के अन्य निवेशकों की तुलना में वरिष्ठ नागरिकों को 5 बेसिक प्वाइंट अधिक ब्याज मिलता हैं। इस स्कीम में मिलने वाले लाभ व अन्य जानकारी को आप इस पेज में आगे पढ़ेंगे।
भारतीय स्टेट बैंक की एन्युटी डिपॉजिट स्कीम (वार्षिकी जमा योजना) को ही एसबीआई मंथली इनकम स्कीम या मासिक आय योजना कहते हैं इस स्कीम में एकमुश्त (Lumpsum) रकम निवेश की जाती हैं। जिसके एक महीना पूरा होने के बाद से जमा रकम का कुछ अंश व उस पर बनने वाला ब्याज दोनों निवेशक को मिलना शुरू हो जाता हैं। इस स्कीम में न्यूनतम जमा रकम 1,000 रूपए प्रतिमाह वार्षिकी के आधार पर तय होती हैं। जबकि अधिकतम रकम की कोई सीमा नहीं हैं। यह स्कीम उन लोगों के लिए बहतर विकल्प है, जो अपनी रकम को बिना किसी जोखिम के निवेश करना चाहते हैं। क्योंकि इस स्कीम में जोखिम ना के बराबर होता हैं जबकि गारंटीड रिटर्न मिलता हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस स्कीम में ब्याज के रूप में अधिक लाभ मिलता हैं।
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एसबीआई मासिक आय योजना की ब्याज सामान्य फिक्स डिपॉजिट की ब्याज दर के बराबर होती हैं। जो वर्तमान में 5.50 फीसदी हैं। वहीं निवेश की अवधि के अनुसार ब्याज दर में अंतर हो सकता है।
जैसे कि पहले भी बताया गया हैं कि इस स्कीम में निवेश के लिए न्यूनतम रकम, हर माह मिलने वाली वार्षिकी के आधार पर तय की जाती हैं। स्कीम में कम से कम इतनी रकम जमा होनी चाहिए जिससे हर माह कम से कम 1,000 रूपए वार्षिकी के रूप में मिल सकें।
उदाहरण के लिए
यदि इस स्कीम में 3 साल के लिए निवेश किया जाए तो न्यूनतम एकमुश्त जमा रकम 36,000 रूपए होनी चाहिए। जबकि अधिकतम रकम की कोई सीमा नहीं हैं। हालांकि वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ब्याज दर अधिक होने के कारण कम रकम पर भी खाता खुलवाया जा सकता हैं। इस स्कीम में एकमुश्त रकम (Lumpsum) जमा करनी होती हैं।
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इस योजना के दौरान निवेश के लिए एक निश्चित अवधि (Fixed Period) का चुनाव करना होता हैं। जो 36, 60, 84 या 120 महीनों के लिए चुनीं जा सकती हैं। 36 से 60 महीने के लिए पैसा निवेश करने पर कम ब्याज मिलता हैं जबकि 5 या 10 साल के लिए निवेश करने पर तुलनात्मक अधिक ब्याज मिलता हैं।
मैच्योरिटी अवधि से जमा रकम को निकालने पर पेनल्टी लागू होती हैं। हालांकि खाता धारक की मृत्यु होने या 15,00,000 से अधिक रकम जमा करने पर मैच्योरिटी से पहले खाता बंद किया जा सकता हैं।
एसबीआई मंथली इनकम प्लान में निवेश के लिए एसबीआई की नजदीकी शाखा मे जाकर खाता खुलवाया जा सकता हैं। खाता खुलवाने के लिए आपके पास एकमुश्त रकम व सभी जरूरी दस्तावेज होने जरूरी हैं। योजना में रकम डिपाॅजिट होने के बाद खाताधारक को पासबुक दी जाती हैं। जिसमें सभी ट्रांजेक्शन व ब्याज का लेखा-जोखा होता हैं।
इस स्कीम में मैच्योरिटी लाभ के रूप अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता हैं। क्योंकि स्कीम के अवधि के दौरान खाताधारक को जमा रकम व ब्याज वार्षिकी के रूप में हर माह दिया जाता हैं। जिसके कारण मैच्योरिटी पर केवल अंतिम वार्षिकी प्राप्त होगी।
State Bank of India की मासिक आय योजना में समय से पहले (मेच्योरिटी से पहले) खाता बंद किया जाता हैं तो इसके लिए लिए कुछ नियम व शर्तें हैं जिनका पालन करके ही खाते को समय पूर्व बंद किया जा सकता हैं।
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यदि इस स्कीम में निवेश किया जाता हैं तो इसमें मिलने वाला बहुत से लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं, इसकी मुख्य विशेषताएं निम्न हैं-
खाताधारक को पैसे की आवश्यकता होने पर एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट स्कीम के तहत लोन भी लिया जा सकता हैं। लोन की अधिकतम रकम स्कीम में जमा राशि का 75 प्रतिशत तक हो सकती हैं। जबकि लोन की अवधि स्कीम की मेच्योरिटी तक ही हो सकती हैं। लोन लेने के पश्चात, हर माह मिलने वाली किस्त का भुगतान लोन की रिपेमेंट के लिए किया जाएगा। जिसके कारण इस दौरान खाताधारक को मासिक किस्त का भुगतान नहीं होगा। लोन की पूर्ण भुगतान होने के पर दोबारा से मासिक किस्त खाताधारक को मिलनी शुरू होगी।
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इस पेज में बताई गई जानकारी पूर्ण रूप से बैंक के विवेकानुसार परिवर्तन के अधीन है। किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले बैंक से जानकारी जरूर लें।